
Accurate PE Treatment Best Sexologist in Patna Bihar India
Join Leading Sexologist in Patna, Bihar India at Dubey Clinic to deal with your entire types of Premature Ejaculation or Sexual Dysfunction: Dr. Sunil Dubey (Dubey Clinic)
नमस्कार दोस्तों, दुबे क्लिनिक में एक बार फिर से आप सभी का स्वागत है।
चूँकि हम हमेशा आपकी यौन समस्याओं को समग्र दृष्टिकोण और सुरक्षित उपचार योजना के साथ हल करने के लिए उपयोगी जानकारी प्रकाशित करते रहे हैं, यही कारण है कि बड़ी संख्या में लोग हमारे आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुनील दुबे से उचित परामर्श व अपने यौन समस्या के निदान हेतु दुबे क्लिनिक आते हैं। वे व्यक्तिगत रूप से परामर्श करते है और उपचार योजना के अंतर्गत इस पर कार्य करते है। आज के समय में लाखो लोगो ने दुबे क्लिनिक के उपचार योजना का लाभ उठाया है। आज का हमारा यह सत्र शीघ्रपतन को लेकर है, जो नए लोगो के लिए बहुत ही लाभकारी होगी। इस विषय में, शीघ्रपतन को लेकर आयुर्वेदा के शाखाओं का वर्णन किया गया है कि कैसे यह इस समस्या का सटीक उपचार व समाधान प्रदान करता है।
हमारे आयुर्वेदाचार्य डॉ सुनील दुबे, जो पटना के सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर की सूचि में पहला स्थान रखते है, और पुरे भारत में टॉप-5 अनुशंसित आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर की श्रेणी में शामिल होते है। उन्होंने पुरुषों में होने वाले अधिकांश गुप्त व यौन समस्याओं पर सफलतापूर्वक शोध भी किया है और साथ में आयुर्वेदिक उपचार में सटीकता व नवीनता भी प्रदान किया है। आज के इस सत्र में, हम डॉ सुनील दुबे के शोध-प्रबंध "शीघ्रपतन: कारण और निदान" से उस महत्वपूर्ण जानकारी को एकत्रित कर लाये है, जो लोग अपने शीघ्रपतन की समस्या का समाधान करने में असफल रहे है। हम आशा करते है कि यह जानकारी उन सभी लोगो के लिए उतना ही महत्वपूर्ण होगी जो अपने यौन जीवन में अर्जित या सशर्त शीघ्रतपन के समस्या से जूझ रहे है।
शीघ्रपतन क्या है?
सेक्सोलॉजी चिकित्सा शब्दावली में, यह कहा जाता है कि जब किसी व्यक्ति का अपने स्खलन पर कोई नियंत्रण नहीं होता है, वह अपने यौन क्रिया में जल्दी स्खलित हो जाता है, जो उसके लिए तनाव, अवसाद, रिश्ते के मुद्दों और मानसिक स्वास्थ्य चिंता का कारण बनता है; तो इस स्खलन को शीघ्रपतन के रूप में जाना जाता है।
वास्तव में, शीघ्रपतन तब तक कोई समस्या नहीं हो सकती जब तक कि यह किसी व्यक्ति के लिए तनाव, अवसाद, रिश्ते की समस्या या कम संतुष्टि का कारण न बने। यह के सामान्य स्थिति है जिसमे व्यक्ति का स्खलन उसके यौन क्रिया में जल्दी हो जाता है। यौन विज्ञान और मानव कामुकता के अनुसार, पुरुष का स्खलन होना ही, उसके चर्मोत्कर्ष की पहचान है।
अब, समझिए कि अगर शीघ्रपतन कोई समस्या नहीं है, तो लोग इसकी शिकायत क्यों करते हैं। इस सवाल पर, डॉ. सुनील दुबे ने कहा है कि चरमसुख और संकल्प यौन प्रतिक्रिया चक्र के सबसे महत्वपूर्ण व अंतिम भाग होते हैं, जहाँ पुरुष और महिला दोनों अपनी यौन क्रिया के दौरान इन्हें प्राप्त करते हैं। पुरुषों और महिलाओं में चरमसुख की प्रकृति अलग-अलग होती है, इसलिए उनकी सफल यौन क्रिया के लिए व्यक्ति को मानव कामुकता के इस विज्ञान को समझना हमेशा महत्वपूर्ण होता है। यौन क्रिया का लक्ष्य केवल शारीरिक सुख नहीं होता, बल्कि यह व्यक्ति के भावना, रिश्तो के जिम्मेवारी, अंतरंगता का आकर्षण-प्रतिकर्षण, और बहुत सारे प्राकृतिक अवयय व घटक से मिलकर बना होता है।
किसी भी व्यक्ति के लिए उसके यौन क्रिया के लिए शीघ्रपतन को एक यौन समस्या माना जाता है क्योंकि इस स्थिति में पुरुष "स्खलन" नहीं करना चाहता, लेकिन यह हो जाता है; वहीं दूसरी ओर, महिला साथी अपने पुरुष साथी के इस "शीघ्र स्खलन" के लिए तैयार नहीं होती। इस प्रकार यौन क्रिया के दौरान, पुरुष द्वारा यौन प्रतिक्रिया चक्र पूरा नहीं कर पाता, जिससे उसका महिला साथी अधूरी रह जाती है। वैसे तो, तो इस समस्या का मेडिकल साइंस में अन्तर्निहित है, क्योकि वह इसे यौन समस्या के रूप में नहीं देखती। हाँ, कुछ संभावित कारणों की विवेचना करती है जो मानसिक, शारीरक, और जीवनशैली कारको के रूप में अन्तर्निहित होते है। सामान्य रूप से, व्यक्ति का नए साथी के साथ प्रदर्शन की चिंता, शीघ्र यौन क्रिया का अनुभव, पेनिले का अति संवेदनशील मुंड, निरंतर बना तनाव, स्तंभन दोष आदि कई कारणों से व्यक्ति इस समस्या से जूझ सकता है।
शीघ्रपतन के वास्तविक कारण को समझना:
कई लोग यह सवाल पूछते हैं कि संभोग का औसत समय क्या होता है? विभिन्न स्रोतों की अपनी-अपनी राय होने के बावजूद, बिहार के सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. सुनील दुबे कहते हैं कि किसी व्यक्ति के संभोग का कोई औसत समय नहीं होता। यह पूरी तरह से व्यक्ति की प्रकृति, वातावरण, इच्छा, स्वास्थ्य और सामाजिक वातावरण व स्थिति पर निर्भर करता है। यह सच है कि संभोग का औसत समय व्यक्ति की शारीरिक संरचना और प्रकृति के कारण अलग-अलग हो सकता है। लेकिन आज के चिकित्सा विज्ञान और सेक्सोलॉजी संस्थान संभोग का औसत समय पाँच मिनट से लेकर 30 मिनट तक मानते हैं।
जैसा कि हम पहले ही समझ चुके है कि शीघ्रपतन (पीई) का सटीक कारण हमेशा स्पष्ट नहीं होता है, लेकिन आमतौर पर इसे मनोवैज्ञानिक और जैविक कारकों का एक जटिल अंतर्संबंध के रूप में माना जाता है। किसी भी व्यक्ति में शीघ्रपतन में योगदान देने वाले कारक निम्नलिखित हो सकते है। यह व्यक्ति के उनके शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, व जीवनशैली की प्रकृति व संविधान कर निर्भर करता है कि व्यक्ति किस अन्तर्निहित कारण से अपने स्खलन को नियंत्रित करने में असमर्थ है। वैसे सामान्य कारक की सूचि निम्नलिखित है:
मनोवैज्ञानिक कारक (सबसे आम):
- प्रदर्शन संबंधी चिंता: किसी भी व्यक्ति को उसके यौन प्रदर्शन को लेकर चिंता, खासकर यदि वह पहले शीघ्रपतन का शिकार हो चुका है या वह किसी नए साथी के साथ हैं। इस स्थिति में, व्यक्ति को अपने यौन प्रदर्शन को लेकर चिंता हो सकती है, जिसके परिणामस्वरुप, उसका स्खलन नियंत्रण तंत्र ठीक से काम नहीं कर सकता, अपितु शीघ्रपतन हो जाता है।
- तनाव और अवसाद: जब किसी व्यक्ति को काम, जीवन में बदलाव या अन्य समस्याओं से उत्पन्न भावनात्मक या मानसिक तनाव होता है, तो उसके यौन क्रिया के दौरान आराम करने और ध्यान केंद्रित करने की उसकी क्षमता प्रभावित हो सकता है। इस कारण से, व्यक्ति का मानसिक व शारीरिक तंत्र का सामंजस्य नहीं बन पाता है, जिससे व्यक्ति अपने स्खलन को नियंत्रित नहीं कर पाता है।
- रिश्ते संबंधी समस्याएँ: जब व्यक्ति को तनाव, संघर्ष या रिश्ते में भावनात्मक अंतरंगता की कमी आती है तो वह व्यक्ति के शीघ्रपतन में योगदान दे सकती है।
- अपराधबोध या दमन: किसी भी व्यक्ति का अतीत जैसे कि अपराधबोध, शर्म या यौन क्रिया के बारे में नकारात्मक विचार, जो उनके संभोग में जल्दबाजी करने का कारण बन सकते हैं। अपितु व्यक्ति को स्खलन पर ध्यान ही नहीं होता।
- शुरुआती यौन अनुभव: ऐसे अनुभव जिन्होंने व्यक्ति के जल्दी स्खलन करने के लिए प्रेरित किया (उदाहरण के लिए, यौन क्रिया के दौरान पकड़े जाने से बचने का डर, अति उत्साह, आदि)।
- किसी व्यक्ति में उसके आत्मविश्वास की कमी या खराब शारीरिक छवि हमेशा उसके मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डालता है, जिससे व्यक्ति को यौन क्रिया में ध्यान केंद्रित करने में परेशानी आती है।
शारीरिक या जैविक कारक:
- न्यूरोट्रांसमीटर स्तर: व्यक्ति के मस्तिष्क के कुछ रसायनों (न्यूरोट्रांसमीटर), विशेष रूप से सेरोटोनिन, का असामान्य स्तर का होना। जैसा कि हम सभी को पता होना चाहिए कि कम सेरोटोनिन स्तर अक्सर स्खलन के कम समय से जुड़ा होता है।
- हार्मोनल असंतुलन: कुछ हार्मोनों का शरीर में अनियमित स्तर, जैसे थायरॉइड हार्मोन (अति- या कम सक्रिय थायरॉइड) या, कुछ मामलों में, कम टेस्टोस्टेरोन। यह व्यक्ति के इच्छा और उत्तेजना से जुडी होती है, जिसमें यौन हॉर्मोन का अपना अलग ही महत्व है।
- सूजन या संक्रमण: प्रोस्टेट (प्रोस्टेटाइटिस) या मूत्रमार्ग की समस्याएँ स्खलन नियंत्रण को प्रभावित कर सकती हैं।
- वंशानुगत लक्षण: कुछ पुरुषों में आनुवंशिक प्रवृत्ति एक भूमिका निभा सकती है।
- स्तंभन दोष (ईडी): जो व्यक्ति स्तंभन दोष से पीड़ित होता है, वह अपने स्तंभन खोने की चिंता के कारण खुद को जल्दी स्खलन कर सकता है, जिससे शीघ्रपतन (पीई) का एक पैटर्न बन सकता है।
- अतिसंवेदनशीलता: कुछ मामलों में, उत्तेजना के प्रति अतिरिक्त संवेदनशील पेनिले व्यक्ति के इस शीघ्रपतन का एक कारक हो सकता है।
शीघ्रपतन के निदान, उपचार और दवा को समझना:
डॉ. सुनील दुबे कहते हैं कि शीघ्रपतन का मुख्य संभावित कारण मन और शरीर का व्यवधान है, जहाँ यौन क्रिया के दौरान व्यक्ति का स्खलन-नियंत्रण कार्य ठीक से काम नहीं कर पाता। न तो उसका मन पर नियंत्रण होता है और न ही वह अपनी यौन क्रिया पर, खासकर स्खलन-नियंत्रण। इस स्थिति में, वह अपने शीघ्रपतन से जूझने लगता है।
जहाँ एक ओर चिंता, अवसाद, रिश्तों की समस्या, व प्रदर्शन की चिंता उसे इस शीघ्रपतन की स्थिति में धकेलती है, दूसरी ओर अवसादरोधी का निरंतर उपयोग अन्य यौन समस्याओं को जन्म देती है। मूल रूप से, कोई भी सेक्सोलॉजिस्ट या डॉक्टर शीघ्रपतन को रोकने के लिए जो दवा देते है, उसके शरीर पर कुछ दुष्प्रभाव भी होते है, जिससे व्यक्ति में उसके यौन हॉर्मोन का असंतुलन बढ़ता है, जो व्यक्ति के लिए विकट स्थिति बन जाती है।
वास्तव में, देखा जाए तो शीघ्रपतन के विभिन्न अवस्थाएं होती है जैसे कि- आजीवन शीघ्रपतन का होना, अर्जित शीघ्रपतन का होना (एक नियत समय के बाद), प्राकृतिक रूप से परिवर्तनीय शीघ्रपतन का होना, और सशर्त शीघ्रपतन का होना (किसी विशेष अवस्था या नए पार्टनर के साथ); उपयुक्त सभी शीघ्रतपन चिंता का विषय नहीं होता। परन्तु, आजीवन व अर्जित शीघ्रपतन की वह स्थिति है, जिससे भारत में करीब-करीब 35-40% लोग नित्य-दिन संघर्ष करते है।
जब कोई व्यक्ति अपने शीघ्रपतन से निपटना चाहता है तो उसे कुछ बुनियादी बातों को अवश्य ध्यान में रखना चाहिए जो उसके लिए सही सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर का चयन और सटीक दवा का व्यवहार में सहायक हो, साथ-ही-साथ उसके दैनिक जीवन और चिकित्सा के समग्र दृष्टिकोण से जुड़े हर शारीरिक व मानसिक समस्या को रेखांकित करे, जो व्यक्ति के किसी भी यौन समस्या का कारण बन सकते है।
- आयुर्वेद का चयन: व्यक्तिगत व समग्र उपचार।
- प्रमाणन: प्रामाणिक क्लिनिक व सर्टिफाइड आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर।
- अनुभवी एवं विशेषज्ञ: आयुर्वेद, सेक्सोलॉजी और मानव मनोविज्ञान ((दो दशक या उससे ज्यादा) ।
- गुणवत्ता-सिद्ध चिकित्सा: विशिष्ट और वैज्ञानिक आयुर्वेदिक चिकित्सा।
- मिश्रण: आधुनिक व पारंपरिक चिकित्सा का अनूठा मिश्रण।
- समग्र दृष्टिकोण: शारीरिक, मानसिक, जीवनशैली, आहार, नींद और तनाव।
- पूर्णकालिक सहायता और देखभाल: उपचार के दौरान पूर्णकालिक नैदानिक सहायता।
- शोध और साक्ष्य-आधारित उपचार: आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी विशेषज्ञ डॉक्टर।
- यौन परामर्श: व्यक्तिगत या युगल चिकित्सा (आवश्यकतानुसार)।
- सुरक्षित, गुणवत्तापूर्ण और साक्ष्य-आधारित उपचार (दुष्प्रभाव रहित)
आयुर्वेद शीघ्रपतन के लिए रामबाण इलाज:
आयुर्वेद, भारत की अनमोल धरोहर में से एक पारंपरिक चिकित्सा व उपचार का विकल्प, जो सभी दवाओं का जड़ है, किसी भी गुप्त व यौन समस्या को जड़ से ठीक करने की क्षमता रखता है। यह एक कारण-आधारित उपचार व्यवस्था है जो समग्र दृष्टिकोण का व्यापक रूप से इस्तेमाल करती है। यह यौन समस्या के लक्षणों के बजाय मूल कारण पर अपना ध्यान केंद्रित करता है, अतः यह शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के सभी अन्तर्निहित कारण को संबोधित करते हुए व्यक्तिगत उपचार प्रदान करता है। इस उपचार की यह विशेषता है कि यह प्रत्येक व्यक्ति के प्रकृति और उसके संविधान को अद्वितीय मानता है, जो समस्या के जड़ तक जाता है। यह सत्य है, आयुर्वेदिक उपचार को अपना रंग दिखाने में समस्या लगता है, क्योकि यह समग्र स्वास्थ्य पर केंद्रित होता है, परन्तु जब यह रंग दिखता है तब व्यक्ति स्थायी समाधान पाता है।
आयुर्वेद में, शीघ्रपतन (पीई) सहित पुरुष यौन विकारों का प्राथमिक उपचार एक ही समर्पित शाखा के अंतर्गत आता है। यद्यपि इसकी प्राथमिक विशेषज्ञता वाजीकरण है, लेकिन इसका प्रबंधन समग्र उपचार के लिए आयुर्वेद की अन्य महत्वपूर्ण शाखाओं पर आधारित होता है। यहाँ आयुर्वेद के पाँच प्रमुख क्षेत्र (विशेषताएँ या विशिष्ट चिकित्सीय दृष्टिकोण) दिए गए हैं जो शीघ्रपतन के उपचार के लिए आवश्यक माने जाते हैं:
वाजीकरण (कामोद्दीपक और पौरुष चिकित्सा):
- मूल विशेषताएँ: यह आयुर्वेद की एक प्राथमिक शाखा है जो यौन क्रिया, शक्ति और प्रजनन ऊतक (शुक्र धातु) की गुणवत्ता में सुधार लाने से संबंधित होता है।
- शीघ्रपतन पर ध्यान: शीघ्रपतन के संदर्भ में, वाजीकरण में विशिष्ट शुक्र स्तंभक (स्खलन-विलंबक) और वृष्य (कामोत्तेजक) जड़ी-बूटियों और योगों का उपयोग किया जाता है। इसका लक्ष्य यौन ऊतकों को मजबूत करना, सहनशक्ति बढ़ाना और स्खलन पर स्वैच्छिक नियंत्रण बहाल करना होता है। आयुर्वेद मन और शरीर के बीच संबंध से भली-भांति परिचित होता है, जो आत्मा को वही प्रदान करता है, जिसकी उसे आवश्यकता है।
काया चिकित्सा (सामान्य आंतरिक चिकित्सा):
- शीघ्रपतन से संबंधित प्रासंगिकता: आयुर्वेद में, शीघ्रपतन को अक्सर शुक्रगत वात या शुक्रवृत वात के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, जो वात दोष (गति और वायु का सिद्धांत) के बिगड़ने (बढ़ने) से प्रभावित होने वाली स्थिति है। वात के तीव्र, तीखे गुण किसी भी व्यक्ति में उसके शीघ्रपतन का कारण बनते हैं।
- शीघ्रपतन पर ध्यान: काया चिकित्सा इस अंतर्निहित दोष असंतुलन को दूर करने में मदद करती है। इसमें ऐसी चिकित्सा और औषधियों का उपयोग किया जाता है जो विशेष रूप से वात-शांत (वातहर), चिकनाई और पोषण प्रदान करने वाली होती हैं, जो तंत्रिका तंत्र को स्थिर करने और वात की तीव्र, अनियंत्रित क्रिया को धीमा करने में मदद करती हैं। इस चिकित्सा से मन और तन का संतुलन विकसित होता है, जो स्खलन के नियंत्रण में सहायक होता है।
मनसा चिकित्सा / सत्त्ववजय (मनोवैज्ञानिक और व्यवहारिक चिकित्सा):
शीघ्रपतन से संबंधित: तनाव, चिंता (अवसाद), भय (डर) और प्रदर्शन का दबाव जैसे मनोवैज्ञानिक कारक शीघ्रपतन के प्रमुख कारण माने जाते हैं। मन (विचार) सीधे वात दोष को नियंत्रित करता है।
शीघ्रपतन पर ध्यान: यह दृष्टिकोण सीधे मानसिक मूल कारण पर केंद्रित होता है। इसमें शामिल हैं:
- प्रदर्शन-संबंधी भय और चिंता को कम करने के लिए परामर्श और व्यवहार संबंधी मार्गदर्शन।
- मन को शांत करने और तंत्रिका तंत्र को मज़बूत करने के लिए ब्राह्मी और अश्वगंधा जैसे मेध्य रसायनों (तंत्रिका टॉनिक) का उपयोग।
- मानसिक नियंत्रण और एकाग्रता (सत्व) को बढ़ाने के लिए योग और ध्यान जैसे अभ्यासों को एकीकृत करना।
रसायन (कायाकल्प चिकित्सा):
- शीघ्रपतन से संबंधित: शीघ्रपतन शरीर में सामान्य क्षीणता (धातु क्षय) या प्राणशक्ति (ओजस) की कमी के कारण हो सकता है। रसायन चिकित्सा का उद्देश्य अधिकतम दीर्घायु और जीवन शक्ति प्राप्त करना है।
- शीघ्रपतन उपचार: इसमें शरीर के सभी सात ऊतकों (धातुओं), विशेष रूप से शुक्र धातु (प्रजनन ऊतक) को पोषण देने के लिए शक्तिशाली कायाकल्प करने वाली जड़ी-बूटियों का उपयोग शामिल है। ओजस और समग्र ऊतक शक्ति में वृद्धि से, शरीर को बेहतर सहनशक्ति प्राप्त होती है और तंत्रिका तंत्र बेहतर संतुलन प्राप्त करता है, जिससे अतिसंवेदनशीलता कम होती है।
शोधन चिकित्सा (पंचकर्म विषहरण):
- शीघ्रपतन से संबंधित: शक्तिशाली वाजीकरण और रसायन चिकित्सा का प्रयोग करने से पहले, औषधि की अधिकतम प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए शरीर की नाड़ियों (स्रोतों) को विषाक्त पदार्थों (अमा) और संचित दोषों से शुद्ध किया जाता है। यह हर व्यक्ति में उसके प्रकृति व संविधान के अनुसार अलग-अलग हो सकते है।
- शीघ्रपतन पर ध्यान: बस्ती (औषधीय एनीमा) को बढ़े हुए वात दोष को शांत करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण उपचार माना जाता है। स्नेहन (आंतरिक और बाह्य तेल) और अन्य पंचकर्म प्रक्रियाओं का उपयोग शरीर को विषमुक्त करने और पोषण देने के लिए किया जा सकता है, जिससे शरीर को लक्षणों का उपचार करने वाली वाजीकरण औषधियों को स्वीकार करने के लिए प्रभावी रूप से तैयार किया जा सकता है।
हम आशा करते हैं कि लोगों को अपनी यौन समस्याओं, विशेषकर शीघ्रपतन, के प्रबंधन के तथ्यों को समझने में थोड़ी-बहुत आसानी हुई होगी। दुबे क्लिनिक पिछले छः दशकों से भारत के लोगो को अपनी आयुर्वेद की विशिष्ट चिकित्सा व उपचार प्रदान करते आ रही है। डॉ. सुनील दुबे का आधुनिक व पारंपरिक चिकित्सा का विशेष संयोजन उन सभी यौन रोगियों को पूर्णकालिक मदद करती है, जो अपने व्यक्तिगत या वैवाहिक जीवन में किसी भी प्रकार के गुप्त व यौन रोगो से पीड़ित रहे है। उनका उपचार के प्रति समग्र दृष्टिकोण रोगी के लिए रामबाण होता है, जहाँ लोग दुबे क्लिनिक के इस तनाव-मुक्त नैदानिक वातावरण में परामर्श सत्र के दौरान ग्रहण करते है। अगर आप अपने यौन समस्या के लिए सेक्सोलॉजिस्ट की तलाश में है, तो दुबे क्लिनिक से एक बार अवश्य जुड़े।
अभी के लिए बस इतना ही, जल्द ही मिलते है नए अंक के साथ।
आपका दुबे क्लिनिक पटना।